हर पीड़ा का घनघोर शोर,
जीव्हा से कटते लफ्ज़ ओर,
तू शांत खड़ा रहकर अब,
किस किस को क्या बतलायेगा,
दौर बुरा हैं संयमित चल,
फिर वक़्त तेरा भी आएगा,
कटे लफ़्ज़ों के भी तीर चलेंगे,
दुश्मन मूर्छित हो जाएगा,
आचरण में दिव्य ऊर्जा भर,
पहर बीतता जाएगा, वक़्त तेरा भी आएगा....
-Nj