ओ मेरी आज़ादी

November 21, 2023 (1y ago)

24 views

ओ मेरी आज़ादी,
मैंने उड़ना सीख लिया,
परबतो के बीच से बहना सीख लिया,
अकेले सफ़र से हमसफ़र होना सीख लिया

ओ हरी वादियां,
तुमसे मन मेरा महका हैं,
सुकून भी मिला और दिल चहका हैं,
चुलबुल सा मन और खुलकर हँसना सीखा हैं,

ओ बहती धारा,
तुमसे बेबाक चलना सीखा हैं,
पत्थरो से लड़ना और अपनी अदा में रहना सीखा हैं,
शीतल, निर्मल और गर्जन में भी रहना सीखा हैं

ओ मेरी आज़ाद हवाओ,
क्या अद्धभुत सफ़र मिला हैं,
एक अलबेला सा साथी और सपनों का साथ मिला हैं,
मुझको सुकून, सफ़र, संबल, सरल, सांनद सा मेरा मन मिला हैं

  • Nj

Summary: This poetry was written for the good morning with positivity and keep fire alive, have freedom in life for all.